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E BOOK-Jai Hind Subhash @ 149.00
जयहिंद सुभाष
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित नाटक है ‘जयहिंद सुभाष’। नाटक में बालक, किशोर, युवा और प्रौढ़ सुभाष चन्द्र बोस के भारत की स्वाधीनता के संघर्ष की प्रमुख घटनाओं का चित्रण किया गया है।
यह ऐतिहासिक नाटक सत्य घटनाओं पर आधारित है। नाटक के गीत-संगीत में, आजाद हिन्द फौज के मूल गीतों का भी उपयोग किया गया है।
क्रांतिकारियों के जीवन पर 35 पुस्तकों का लेखन करने वाले श्री सत्यनारायण शर्मा और सुभाष चंद्र बोस से जुड़े साहित्य के अध्धयनकर्तातपन मुखर्जी ने इस नाटक की प्रशंसा है। इसे आज़ादी के अमृत महोत्सव के समय में लिखी गई एक उपयोगी नाट्य कृति बताया है।
जाने-पहचाने लेखक और पत्रकार शकील अख़्तर ने इस नाटक का लेखन किया है
E BOOK-Jai Hind Subhash @ 149.00
AUTHOR
Shakeel Akhter is a creative writer, playwright, and journalist. Former editor of India's top TV news channel 'India TV'. Before TV journalism, he served in Hindi newspapers like Naidunia, Dainik Bhaskar, Free Press General, Chautha Sansar, and Nav prabhat. His journey continues as the Founder Editor of IndoreStudio.com, a website focused on art activities. Along with acting in plays and TV-cinema programs, Shakeel Akhter has written 7 plays. Their names are - Jai Hind Subhash, Durga Bhabhi: Undercover Post Box, Monia the Great, Blue Whale: Ek Dangerous Game, Jungle City, and Hello Shakespeare, and this film is Zara Hatke. Two of these plays have also been staged at the National School of Drama, Delhi. His poetry collection ‘Dil Hi To Hai’ has been published by Mumbai Mirror. Many songs have been composed. Recently a film script has been written on the life of female revolutionary Durga Bhabhi. He has also made creative contributions through continuous writing on personalities related to art and culture. Shakeel Akhter was a member of the preview committee of the International Film Festival of India IFFI 2019 and 2020 by the Delhi Film Directorate (DFF), run under the Ministry of Information and Broadcasting. He were also invited to the jury of Indian Panorama at the Bangalore International Film Festival (BIFF). Has been honored with 5 media awards and other commendations for writing and journalism. Shakeel Akhter is a graduate of Devi Ahilya University, Indore, and has completed an MA in Hindi Literature from Jiwaji University, Gwalior (Madhya Pradesh).
महात्मा गांधी की 150 वीं जयंति वर्ष में उनके बचपन पर लिखा शकील अख़्तर का यह बहुप्रशंसित नाटक है।
शोध आधारित इस नाटक में महात्मा गांधी के 7 साल की उम्र से 18 साल की उम्र तक यानी 1876 से 1887 के बीच गुज़रे अहम प्रसंग हैं।
नाटक के पहले दो शोज़ नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली (भारत) में हुए हैं। सीनियर थिएटर डायरेक्टर हफीज़ ख़ान के निर्देशन में इन शोज़ में 23 बाल कलाकारों ने काम किया था।
एनएसडी के रजिस्ट्रार पीके मोहंती के शब्दों में, बच्चों के लिये यह प्रेरक और शिक्षाप्रद नाटक है।
हफीज़ ख़ान कहते हैं, ‘नाटक में महात्मा गांधी के बाल जीवन के वो अहम प्रसंग हैं जिन्होंने उन्हें ‘मोनिया दि ग्रेट’ बनाया।
E BOOK-Durga Bhabhi @ 149.00
‘दुर्गा भाभी: अंडरकवर पोस्ट बॉक्स’ एकल नाटक है।
देशभक्ति पूर्ण यह ऐतिहासिक नाटक महिला क्रांतिकारी दुर्गावती वोहरा के जीवन पर आधारित हैं। वे स्वतंत्रता संग्राम की साक्षी भी थीं और सहभागी भी। क्रांतिकारियों में वे दुर्गा भाभी के नाम से पहचानी जाती थीं। इस क्रांति-कथा में 1920 से 1931 के बीच के घटनाक्रम हैं। इसी काल में चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों ने अंग्रेज़ों के खिलाफ़ बलिदानी संघर्ष किया था।
रंगमंच की इस प्रस्तुति का लेखन जाने-पहचाने लेखक और पत्रकार शकील अख़्तर ने किया है। नाटक के लेखन में दुर्गावती के संपर्क में रहे वयोवृद्ध लेखक श्री सत्यनारायण शर्मा का मार्गदर्शन रहा है।
इस नाटक की ऐतिहासिक उपन्यासकार डॉ. शरद पगारे और फ़िल्म निर्माता, लेखक और दूरदर्शन व ऑल इंडिया रेडियो के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक श्री राजशेखर व्यास ने प्रशंसा की है।
E BOOK-Hello Shakespear @ 149.00
‘हैलो शेक्सपियर’ एक प्रयोगधर्मी नाटक है। इसमें शेक्सपियर के लिखे 6 प्रमुख नाटकों के विशिष्ट दृश्यों को संयोजित किया गया है।
यह नाटक हैं-मैकबेथ, किंगलियर, हैमलेट, ऑथेलो, रोमियो जूलियट और जूलियस सीज़र। इनमें ज़यादातर शेक्सपियर के बेहद सफल और चर्चित ट्रैजिडी नाटकों की झलक हैं। नाटक में ख़ुद शेक्सपियर एक किरदार के रूप में मौजूद है।
वरिष्ठ रंग निर्देशक और बाल रंगमंच के विशेषज्ञ हफीज़ ख़ान की संकल्पना पर आधारित इस नाटक लेखन भारत के जाने-पहचाने लेखक-पत्रकार शकील अख़्तर ने किया है।
रजत कपूर अंडरवर्ल्ड का फाइनेंसर है। रजत डॉन दानिश को फाईनेंस करता है लेकिन अपने साधनों-संसाधनों का दोहन उतना ही करने देता है, जिससे किसी अवैध गतिविधि में सीधे उसका नाम न जुड़े।
रजत कपूर देश का सबसे बड़ा हीरा उद्योगपति है। विश्व के ब्लड डायमंड के सबसे बड़े खिलाड़ियों में शूमार है। सोने-चांदी की तस्करी में भी उसका हाथ है। अपनी चमकती-दमकती दुनिया बनाए व बचाए रखने के लिए उसने मायाजाल और इंद्रजाल बना रखा है।
वह माफिया की मदद से कारोबार करता है, भ्रष्ट अफसरों-नेताओं के जरिए सिस्टम में पैठ बना कर काले को सफेद में तब्दील करता है। दुनिया के हर भ्रष्ट देश में रजत की जड़ें हैं। काम निकालने और लाभ बढ़ाने के लिए ड्रग्स और स्मॉल आर्म्स तस्करी से भी परहेज नहीं रखता।
कैसे चलता है फाईनेंसरों का खेल और अंडरवर्ल्ड का खूनी संसार, इस किताब में बेपर्दा होकर सामने आता है।
E BOOK-UNDERWORLD DANE @ 149.00
Non Fiction book based on Mumbai Underworld true account. This book has 98 short pieces in Hindi about Mumbai Mafia. The tales of Mumbai underbelly will give you new horizon. The narrative of the book presents the facts, anecdotes and history of dark world of Mumbai. It is true account and chronicle of dark side of human history.
E BOOK-Durga Bhabhi @ 149.00
‘दुर्गा भाभी: अंडरकवर पोस्ट बॉक्स’ एकल नाटक है।
देशभक्ति पूर्ण यह ऐतिहासिक नाटक महिला क्रांतिकारी दुर्गावती वोहरा के जीवन पर आधारित हैं। वे स्वतंत्रता संग्राम की साक्षी भी थीं और सहभागी भी। क्रांतिकारियों में वे दुर्गा भाभी के नाम से पहचानी जाती थीं। इस क्रांति-कथा में 1920 से 1931 के बीच के घटनाक्रम हैं। इसी काल में चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों ने अंग्रेज़ों के खिलाफ़ बलिदानी संघर्ष किया था।
रंगमंच की इस प्रस्तुति का लेखन जाने-पहचाने लेखक और पत्रकार शकील अख़्तर ने किया है। नाटक के लेखन में दुर्गावती के संपर्क में रहे वयोवृद्ध लेखक श्री सत्यनारायण शर्मा का मार्गदर्शन रहा है।
इस नाटक की ऐतिहासिक उपन्यासकार डॉ. शरद पगारे और फ़िल्म निर्माता, लेखक और दूरदर्शन व ऑल इंडिया रेडियो के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक श्री राजशेखर व्यास ने प्रशंसा की है।
दिल्ली की एक सत्य घटना पर आधारित उपन्यास, जो स्पेशल सेल और आतंकवादियों के बीच चूहे-बिल्ली के खेल का रोमांचक नजारा पेश करता है।
आतंकवादियों के दिल्ली दहलाने की योजना एक कोड शीट में छुपी थी, जिसे डिकोड किया स्पेशल के जांबाज डीसीपी प्रताप सिंह और उनकी टीम ने। दिमाग चकरा देने वाला उपन्यास जांच टीम को दिल्ली से बैंकॉक तक दौड़ाता है।
हर पल नए रहस्योद्घाटन उपन्यास को नवीनता देते हैं।
A novel based on a true event of Delhi police and act of terrorism. A mindboggling plot of a terror act, how Special Cell of Delhi Police solves it.
At the end of the drama, the revelation shocks all the investigative team. Cracking the conspiracy and decoded the code sheet will give a great read to the readers.
रुचि और अति उत्साह वाली कहानीकार अलका अग्रवाल ने अपनी कहानियों के मार्फत ध्यान आकर्षित किया है। जीवन में दोस्ती, रिश्तेदारियों, समाज, आदर्शवादी मनुष्यता का स्त्रियोचित प्रसाद इन कहानियों में बिखरा है। ये कहानियां अपने युग का प्रतिनिधित्व करती हैं। तब की लड़कियाँ और स्त्रियों की कहानी और उनका समय पूरे शबाब पर है। आज भले ही वक्त बीत चुका हो, अलका अग्रवाल की कहानियां आज भी वही असर छोड़ती हैं। अलका अग्रवाल की कहानियों में भूमंडल और नगर जीवन की अतिआधुनिक संवेदनशीलता के साथ सामने आती हैं। मुदे इतिहास नहीं लिखते कथा संग्रह की कहानियों में आभा है, भविष्य के अंकुर हैं, जीवन गाथा के स्फुट चित्र हैं। अलका स्त्री विमर्श की कहानियां लिखती हैं। एक महानगर में गृहस्थी के अंतरविरोधों से निकल कर इस कहानीकार ने इन कहानियों को जन्म दिया है। ये कहानियां मन को आलोड़ित करती हैं, झकझोरती हैं।
भारतीय समाज की बेड़िया जनजाति में फैली एक भयावह परंपरा, कुरीतियों, अपराधों पर आधारित किताब है – ‘अगले जनम बेड़नी ना कीजो।‘ यह किताब देश के बेड़िया समाज की सदियों पुरानी उस परंपरा पर नजर डालती है, जिसके तहत परिवार के मर्द ही अपनी बेटियों-बहनों से वेश्यावृत्ति करवाते हैं। समाज की बनाई परंपराओं के पिंजरों में कैद ये लड़कियां उन बुलबुलों की तरह हैं, जो नाच-गा तो सकती हैं, लेकिन रो नहीं सकतीं। इन बेड़नियों की दर्द भरी जिंदगी और हालात पर शोध आधारित पुस्तक है - अगले जनम बेड़नी ना कीजो। बेड़िया समाज की लड़कियां इस कलंकित पेशे से बाहर निकलने के लिए छटपटा रही हैं, उसी पर लेखक ने पूरा ध्यान केंद्रित किया है। बेड़िया समाज में आ रहे परिवर्तनों को भी रेखांकित करने की कोशिश इस किताब में है।
A book based on social evils and crime and the world of infamous dance bar of Mumbai and Maharashtra. This is a research based book about dance bars, it’s effects – impacts of society, economy, country. How the government of Maharashtra banned the dance bars in Maharashtra despite Supreme Court judgements. Author of Bar Bandi focus on social and financial crisis of bargirls and stigma they faced.
मुंबई के डांस बारों पर पाबंदी लगने के पहले और बाद के हालात पर विहंगम दृष्टिपात करती एक किताब लिखने का इरादा था। जब काम शुरू हुआ तो मुंबई के डांस बारों की 12 आंसू बहाती बुलबुलों की दास्तां ‘बांबे बार’ में समेटीं, जिसे पाठकों ने खूब सराहा।
डांस बारों का लेखा-जोखा, उसके इतिहास से वर्तमान तक हर पहलू पर नजर डालने के उपक्रम में मेरी भी बार-बंदी किताब तैयार हो गई।
E BOOK-CORONA UNCOS
Corona Uncos is a collection of stories that are very heart warming or terribly heart wrenching. While some stories might shatter your faith in humanity, some of them will not fail to bring a smile on your face.
This book is completely dedicated to the known and unknown Corona Warriors. 150 such stories have been written and compiled by Tanisha Agrawal.
True Story That Awakens Passion for Sports and Love
Books come in many forms. Some narrate events, some weave enchantment, and some transport you into a world where you feel that the book somehow belongs to you as well. I place my book into the third category of books under spiritual creativity—a kind of creation that carries you along with it.
My book Maidan-e-Ishq falls into this very category. I have mentioned that this book is the story of a boy immersed in the love of cricket. In fact, sport is something naturally embedded within us. Some people become players, while others become masters of observing and analyzing the finer details of the game. In everyday language, we call such people sports enthusiasts—and I am a true lover of cricket.
E BOOK-Hello Shakespear @ 149.00
‘हैलो शेक्सपियर’ एक प्रयोगधर्मी नाटक है। इसमें शेक्सपियर के लिखे 6 प्रमुख नाटकों के विशिष्ट दृश्यों को संयोजित किया गया है।
यह नाटक हैं-मैकबेथ, किंगलियर, हैमलेट, ऑथेलो, रोमियो जूलियट और जूलियस सीज़र। इनमें ज़यादातर शेक्सपियर के बेहद सफल और चर्चित ट्रैजिडी नाटकों की झलक हैं। नाटक में ख़ुद शेक्सपियर एक किरदार के रूप में मौजूद है।
वरिष्ठ रंग निर्देशक और बाल रंगमंच के विशेषज्ञ हफीज़ ख़ान की संकल्पना पर आधारित इस नाटक लेखन भारत के जाने-पहचाने लेखक-पत्रकार शकील अख़्तर ने किया है।
वृक्ष हमारे जीवन का अविभाज्य अंग हैं। वृक्षों के बिना जंगल और जंगल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जंगल हमारे पर्यावरण को परिष्कृत, सुरक्षित और संतुलित रखते हुए हमारे जीवन को रोगमुक्त तथा दीर्घायु बनाने की क्षमता रखते हैं। परंतु इस सत्य को दरकिनार कर जंगलों का कटना अबाध रूप से जारी है। इसका विपरीत प्रभाव न केवल पर्यावरण पर पड़ रहा है, बल्कि जीवों का अस्तित्व भी ख़तरे में पड़ गया है।
लोगों में पर्यावपण के प्रति जागृति भरने के लिए ‘वृक्षम् शरणम् गच्छामि’, ‘रहिमन पानी राखिए’, ‘ये आबादी कितनी बर्बादी’, ‘प्राणवायुः शत-शत प्रणाम’, ‘स्वच्छता देवालय है’ तथा ‘ध्वनि प्रदूषण है खरदूषण’ की रचना हुई। लोक नाट्यों को संक्षिप्त संस्करण के रूप में लेखक ने गायन व वाचन कर आकाशवाणी मुंबई ने धारावाहिक रूप में प्रसारित करके लोकहित में एक महत उद्देश्य की पूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
E BOOK-ADRASHYA @149.00
ADRASHYA
ADRISHYA, is a story of a nuclear family and a young kid, who never understood the family threads. Book belongs to horror zoner with the highest family values. ADRISHYA, A First in the history of Indian cinema & Hindi publication arena, a novellus based on a novel idea to convert a film script into literary work. Book is penned by award winning authors Alka Agrawal Sigtia & Vivek Agrawal.
यह किताब एक फिल्म को साहित्यिक रूप में ढालने का अपने-आप में अनूठा और ऐतिहासिक प्रयोग है। फिल्म कुछ समय के लिए होती है लेकिन किताब सदा के लिए होती है। इस उपन्यास की कहानी एक सार्वभौमिक व शाश्वत समस्या पर रोशनी डालती है। इसे ‘हॉरर’ और ‘मिस्ट्री’ की चाशनी में लपेट कर आकर्षक रूप में पेश करने की कोशिश है।
अंडरवर्ल्ड मर्डर के लिए कार चलाने वाले गेटअवे ड्राईवरों की तेज रफ्तार जिंदगी और हर पल सिर पर नाचती मौत के बीच फंसी रूह को देखा-समझा-जाना जा सकता है। मुंबई का खतरनाक अंडरवर्ल्ड का पेशा के लिए जाना जाता है, जो किसी ने सोचे नहीं होंगे। इनमें ही एक पेशा है गेटअवे ड्राईवरों का। माफिया सिरीज की चौथी किताब में एक गेटअवे ड्राईवर की जिंदगी का वह हिस्सा जानने का मौका मिलता है, जिस तक किसी की पहुंच नहीं।
Freelancer is a story about gateway drivers of Mumbai gangsta. It is about gangwar and gangs, who all the time involved in the bloodshed and out to kill other. The interesting and hidden facts of life of gate away driver is all disclosed by the author. The characters and events of the stories are based on a true event of sins and sinister of the world of criminality.
आर्केस्ट्रा डांसर की दुनिया भी निराली है। एक तरफ जहां बेड़िया समुदाय की लड़कियां पारंपरिक रूप से इन ऑर्केस्ट्रा में नाचती मिलती हैं, तो गर्ल चाइल्ड ट्रैफकिंग की शिकार लड़कियां भी आर्केस्ट्रा डांसर बनती है, वहीं कुछ लड़कियां बाखुशी इस पेशे में आती है। जरूरी नहीं कि वे सब वेश्यावृत्ति करें। उत्तेजित भीड़ को अपने करीब तक नहीं फटकने देती।
बिहार राज्य में ही 2,000 से अधिक आर्केस्ट्रा पार्टी फुल टाइम लड़कियों के नाच-गाने पर ही चलती हैं। कोई गरीबी की वजह से, कोई आपातकालीन जरूरतों के कारण, कोई शौकिया तौर पर, कोई सिर्फ कमाई करने के लिए, तो कोई फिल्मों में एक रोल मिलने की चाहत में आर्केस्ट्रा पार्टियों के संचालकों की गुलाम बन मंचों पर नाचती हैं। एक तरफ आर्केस्ट्रा लोगों को रोजगार देते हैं, मनोरंजन करते हैं, तो दूसरी तरफ लड़कियों के लिए सुनहले पिंजरों में तब्दील हो जाते हैं।
लिंबू मिरची किताब विवेक अग्रवाल की लेखकीय दृष्टि का अलग पहलू पेश कर रही है।
उनका पहला लघुकथा संग्रह लिंबू मिरची है। यह किताब न जाने कितने विषयों और किरदारों के साथ हाजिरी लगाती है। विवेक अग्रवाल ने इन लघु कथाओं में न केवल विषयों का विस्तार तथा विविधता बनाए रखे हैं बल्कि किरदारों का अनूठा संसार भी गढ़ा है। वे कहानियां लिखते हुए सामाजिक बुराईयों पर गहरा प्रहार करते हैं। कुछ ऐसे बिंदु भी उठा लाए हैं, जो समाज को नई दशा और दिशा देते हैं।
इन कहानियों में समय साथ-साथ चलता है। समाज से उठाए विषय पर लघु कथाएं लिंबू मिरची में हैं। ये छोटी कहानियां मन में टीस भरती हैं। आंखों के कोर गिले करती हैं। कसमसाती हैं। दुखी करती हैं। कभी गुदगुदाती, हंसाती भी हैं। हर कहानी का अपना व्यक्तित्व है क्योंकि हर लघुकथा अलग विषय, स्थान, वक्त, भाव, पात्र धारण करती है।
माफिया सिरीज की छठी किताब, जिसमें अंडरवर्ल्ड और फिल्म जगत के आंतरिक रहस्यों का पर्दाफाश है।
मुंबई फिल्मोद्योग की एक सेक्सी अभिनेत्री मुंबई अंडरवर्ल्ड के बेताज बादशाह दानिश की अंकशायिनी कैसे और क्यों बनी? इस अदाकारा का ही जीजा अदीब कैसे और क्यों बन गया डॉन दानिश के लिए फिल्म जगत की अंदरूनी सूचनाएं देने वाला इनसाईडर? फिल्मी दुनिया और अंडरवर्ल्ड के बीच ऐसा चोली-दामन का गठबंधन है कि छूटे नहीं छूटता।
पुलिस वाले भी फिल्मी दुनिया का दोहन अंडवर्ल्ड के रिश्तों और उससे बचाने के नाम पर करते हैं।
ये तमाम नग्न सत्य का प्रकटन करता विवेक अग्रवाल का सच्चे किरदारों को केंद्र में रख कर लिया उपन्यास आपको हर पल चौंकाएगा।
Premium cotton khadi skirt with 14 kali flair with beautiful concept gold printing in pink n orange flowers with beautiful pink bangle tussles with gota flowers.
All over pink color gota lace on bottom hem. with stylish finest cotton short kurti in little up down pattern and Short sleeves with pleated frills, Front dori with gota tussles and Heavy gota lace work on front top, Sleeves and bottom.
Color : Dark pink top with off white skirt.
Length front 30"
Back 32"
Sleeves 11"
Length skirt 39"
skirt waist 36/38/40/42/44
E BOOK-Jai Hind Subhash @ 149.00
जयहिंद सुभाष
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित नाटक है ‘जयहिंद सुभाष’। नाटक में बालक, किशोर, युवा और प्रौढ़ सुभाष चन्द्र बोस के भारत की स्वाधीनता के संघर्ष की प्रमुख घटनाओं का चित्रण किया गया है।
यह ऐतिहासिक नाटक सत्य घटनाओं पर आधारित है। नाटक के गीत-संगीत में, आजाद हिन्द फौज के मूल गीतों का भी उपयोग किया गया है।
क्रांतिकारियों के जीवन पर 35 पुस्तकों का लेखन करने वाले श्री सत्यनारायण शर्मा और सुभाष चंद्र बोस से जुड़े साहित्य के अध्धयनकर्तातपन मुखर्जी ने इस नाटक की प्रशंसा है। इसे आज़ादी के अमृत महोत्सव के समय में लिखी गई एक उपयोगी नाट्य कृति बताया है।
जाने-पहचाने लेखक और पत्रकार शकील अख़्तर ने इस नाटक का लेखन किया है