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  • Author: Vivek Agrawal
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Raktap
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Raktap

मनोविकार या मनोरोग की दुनिया किसी इंद्रजाल से कम नहीं। यह सम्मोहक, डरावनी, रहस्यमई, दहशनाक, विकट, करिश्माई, तिलिस्मी, गूढ़, हैरतअंगेज, जादुई, भेदक, विपुल संभावनाओं से भरी है।

स्कीजोफ्रेनिया ऐसा मनोरोग है, जिसके मरीज खुली आंखों से ख्वाब देखते हैं।  मीरा रोड और रायपुर के दो मामले हमारे सामने हैं, मीरा रोड में एक बेटे ने मां की हत्या कर दी, रायपुर में एक युवक ने मां, पिता और प्रेमिका की हत्याएं कीं।

रक्तप का मुख्य पात्र पवन प्रभाकर एक मासूम कातिल है। पवन का वर्तमान और भूतकाल, तो किताब में हैं लेकिन भविष्य क्या होगा, यह काल के गाल में समाया है।

पवन एक मनोरोगी है, जो लोगों की हत्याएं करता दिखता है लेकिन दोस्त, रिश्तेदार, परिचित, सहयोगी, सहकर्मी, ग्राहक, सब उससे खुश हैं। इसके बावजूद कोई उसे हत्यारा या अपराधी क्यों नहीं मानता!? इसी सवाल का जवाब रक्तप में है।.

Regular price ₹399.00 Price ₹300.00

Raktbambal - Raktranjit...

सारा संसार रक्तपिपासु अपराधियों से भरा लगता है। यही हाल कमोबेश सर-जमीने हिंदुस्तां की है। मैं जिस तरफ निगाह उठाता हूं, खून की होली खेलते अपराधी नजर आते हैं। कोई पेशेवर है, तो कोई रिश्तेदारों से हलाकान होकर हत्याएं कर रहा है। चारों तरफ, हर दरीचे, हर दरवाजे, हर गली-नुक्कड़-चौराहे पर रक्त बहता दिख रहा है।

ये रक्तरंजित कहानियां समाज की उस कठोर सच्चाई से रूबरू कराती हैं, जिसे अखबारों में पढ़ कर हम भूल जाते हैं। इन कहानियों के रक्तपिपासु अपराधियों के मनोविज्ञान और रक्तकर्म के कारण भी सामने आते हैं। ये कहानियां अपराध जगत की कथाएं नहीं बल्कि समाज की पोशिदा सच्चाई उजागर करती हैं। यह आकलन करने का मौका देती हैं कि अपराध रोकने में हम क्यों असफल हैं। ये कहानियां सत्य का प्रतिपादन करती हैं, ना कि अपराध और अपराधियों का महिमामंडन। रक्तबंबाल की कहानियों में समाज के हर हिस्से की आपराधिक कहानियां हैं।

Regular price ₹399.00 Price ₹300.00
Yaksh Prashn
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Yaksh Prashn

ये छोटे-छोटे व्यंग्य यक्ष-युधिष्ठिर संवाद रूप में जब सामने आते हैं, तो हर उस बात पर व्यंग्य करते चलते हैं, जो लेखक समाज में देखता है। एक - दो पन्नों के लेख में रचना तत्व तो व्यंग्य विधान का है लेकिन प्राचीन आख्यानक के जरिए प्राचीन और अर्वाचीन की तुलना करते जाने से अधिक पैनापन आया है। वक्त की सलीब पर लटके यक्ष और युधिष्ठिर जैसे पात्र जब प्रश्न एवं उत्तर उपस्थित करते हैं, तो उनमें यथार्थ के अनगिन शूल मन में धंसते जाते हैं। ये व्यंग्य रिपोर्ताज श्रेणी का लेखन है, जो इन दिनों कम ही देखने में आता है। विवेक अग्रवाल चूंकि एक पत्रकार हैं, वे सामाजिक-राष्ट्रीय विषयों पर पैनी निगाह रखते हैं, जिसके चलते इन पर तंज करने से भी नहीं चूकते हैं। 

Price ₹199.00

Kamathipura

कमाठीपुरा किताब की तमाम कहानियां लेखक ने अपनी पत्रकारिता के दिनों में देखीं, भोगीं और जी हैं। कमाठीपुरा से लेखक ने पत्रिकारिता के दिनों में मुंबई अंडरवर्ल्ड, पुलिस तथा खुफिया विभागों की खूब खबरें हासिल कीं। इसी दौरान लेखक ने यहां मानव तस्करी से बचाव के कई सफल अभियानों में हिस्सा भी लिया।

इस किताब की कहानियां हजारों वेश्याओं और तवायफों के बीच से निकली हैं। समाज की आखिरी पांत में खड़ी इन औरतों-लड़कियों के मैले-कुचैले, बदबूदार, हवा-रोशनी से महरूम कमरों और गलियारों के बीच चंद पल जीते हुए, उनके दुख की गलियों से गुजरते हुए, न जाने कितने किस्से लेखक के दिलो-दिमाग पर छपते रहे। अब किताब के जरिए ये कहानियां साझा की हैं।

Regular price ₹399.00 Price ₹300.00

Pinjra Naach

आर्केस्ट्रा डांसर की दुनिया भी निराली है। एक तरफ जहां बेड़िया समुदाय की लड़कियां पारंपरिक रूप से इन ऑर्केस्ट्रा में नाचती मिलती हैं, तो गर्ल चाइल्ड ट्रैफकिंग की शिकार लड़कियां भी आर्केस्ट्रा डांसर बनती है, वहीं कुछ लड़कियां बाखुशी इस पेशे में आती है। जरूरी नहीं कि वे सब वेश्यावृत्ति करें। उत्तेजित भीड़ को अपने करीब तक नहीं फटकने देती। 

बिहार राज्य में ही 2,000 से अधिक आर्केस्ट्रा पार्टी फुल टाइम लड़कियों के नाच-गाने पर ही चलती हैं। कोई गरीबी की वजह से, कोई आपातकालीन जरूरतों के कारण, कोई शौकिया तौर पर, कोई सिर्फ कमाई करने के लिए, तो कोई फिल्मों में एक रोल मिलने की चाहत में आर्केस्ट्रा पार्टियों के संचालकों की गुलाम बन मंचों पर नाचती हैं। एक तरफ आर्केस्ट्रा लोगों को रोजगार देते हैं, मनोरंजन करते हैं, तो दूसरी तरफ लड़कियों के लिए सुनहले पिंजरों में तब्दील हो जाते हैं।

Regular price ₹499.00 Price ₹300.00

Mastan - Mumbai Ka Midas

मुंबई अपराध जगत का ऐसा नाम, जिसके किरदार पर दर्जनों फिल्में बन गईं, न जाने कितने अखबारों और पत्रिकाओं के पन्ने रंगे गए, न जाने कितने घंटे खबरिया चैनलों पर खबरें और फीचर बन गए, दशकों तक लोगों की निगाहों का मरकज रहा, उसके नाम के चर्चे सड़क से संसद तक होते रहे... वह गजब का किरदार था। यह देश का सबसे बड़ा सोना तस्कर था - हाजी मस्तान मिर्जा।

हाजी मस्तान सीधा-साधा किरदार नहीं है। उसमें कई रंग है, उसके कई चेहरे हैं, इन चेहरों पर कई-कई नकाब हैं, उसकी कई जिंदगियां है; एक सीधी लकीर की मानिंद मस्तान का किरदार खींचना संभव नहीं। किसी के लिए वह अपराधी है, किसी के लिए फरिश्ता, किसी के लिए दोस्त है, किसी के लिए दुश्मन, किसी के लिए बेहतरीन खबर, किसी के लिए मददगार, किसी का रहनुमा, किसी का पथप्रदर्शक, किसी के लिए जलन का बायस, तो किसी के लिए फर्श से अर्श तक पहुंचने का करिश्माई व्यक्तित्व और सफलता की कहानी है।

Regular price ₹599.00 Price ₹400.00

Racer

माफिया सिरीज की सातवीं किताब, जिसमें अंडरवर्ल्ड और देश के तमाम रेसकोर्स में सबसे बड़े और विख्यात महालक्ष्मी रेसकोर्स की जमीन पर नियंत्रण, हजारों करोड़ के जुए-सट्टे पर कब्जे लेकर मचे घमासान और अंदरूनी रहस्यों का पर्दाफाश है। राजनेता, उद्योगपति, बिल्डर, फिल्मी हस्तियां, गिरोह सरगना के झगडे में फंसते हैं गरीब और ऐसे लोग, जिनका  इस दुनिया से कोई वास्ता नहीं। उपन्यास क नायक जॉकी पीसी सेठ क्या-क्या गुल खिला सकता है, उसके अंतस में झांकने की कोशिश है। रेसकोर्स की अंदरूनी राजनीति और क्लब पर नियंत्रण के होने वाली राजनीति, उसमें बने मोहरों के टकराव की खतरनाक अंदरूनी जानकारियों और सच्चे किस्सों-किरदारों से सजी किताब का नाम है - रेसर। ये तमाम नग्न सत्य का प्रकटन करता, सच्चे किरदारों से सजा विवेक अग्रवाल का उपन्यास रेसर आपको हर पल चौंकाएगा।

Price ₹499.00

Agle Janam Bedni Na Kijo

भारतीय समाज की बेड़िया जनजाति में फैली एक भयावह परंपरा, कुरीतियों, अपराधों पर आधारित किताब है – ‘अगले जनम बेड़नी ना कीजो।‘ यह किताब देश के बेड़िया समाज की सदियों पुरानी उस परंपरा पर नजर डालती है, जिसके तहत परिवार के मर्द ही अपनी बेटियों-बहनों से वेश्यावृत्ति करवाते हैं। समाज की बनाई परंपराओं के पिंजरों में कैद ये लड़कियां उन बुलबुलों की तरह हैं, जो नाच-गा तो सकती हैं, लेकिन रो नहीं सकतीं। इन बेड़नियों की दर्द भरी जिंदगी और हालात पर शोध आधारित पुस्तक है - अगले जनम बेड़नी ना कीजो। बेड़िया समाज की लड़कियां इस कलंकित पेशे से बाहर निकलने के लिए छटपटा रही हैं, उसी पर लेखक ने पूरा ध्यान केंद्रित किया है। बेड़िया समाज में आ रहे परिवर्तनों को भी रेखांकित करने की कोशिश इस किताब में है।

Regular price ₹399.00 Price ₹300.00

Bar Bandagi

मुंबई के डांस बारों पर एक किताब लिखने चला तो ‘बांबे बार – चिटके तो फटके’ तैयार हो गई। उसके बाद काम किया, तो बारबंदी – बरबाद बारों की बारात भी तैयार हो गई। उसके बावजूद इतना मसाला बचा रह गया कि एक और किताब तैयार हो जाए, लिहाजा बारबंदगी ने आकार ले लिया।

मुंबई के डांस बार पूरी दुनिया के कैनवस पर सतरंगी और बदरंगी सपनों का संसार हर रोज रचता है। इसमें जो झिलमिलाते सितारे हैं, वह पीछे से दर्द के तारों से बंधा है।

महाराष्ट्र सरकार भले ही कहे कि राज्य में बारबंदी है, सच तो यह है कि हर जगह बारबंदगी जारी है। रिश्वत और भ्रष्टाचार के जरिए इनकी रंगीनियां सारी रात गुलजार रहती हैं।

बारबंदी किताब में जहां बारों पर ताला जड़ने और उसके संघर्ष की दास्तान ऊभर कर सामने आई, वहीं बारबंदगी में डांस बारों के ऐसे विषयों पर चर्चा की है, जो रहस्य की श्रेणी में आते हैं।

Price ₹399.00
Khaki Gangwar
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Khaki Gangwar

e book : Khakhi Gangwar @ 199.00

Meet Shekhar Pandey, an unwavering police officer determined to bring down Inspector Bhaiya and his corrupt Khaki Company within the Mumbai Police. Assigned to the Anti-Corruption Bureau, Shekhar faces a dangerous conspiracy that threatens his life.

As he unravels a web of corruption, corporate warfare, and underworld involvement, Shekhar's unwavering spirit will be put to the ultimate test.

Can he defeat Bhaiya and cleanse the Mumbai Police of deep-rooted corruption? Find out in "Khaki Gangwar."

Price ₹199.00

Highway Mafia

हजारों किलोमीटर के हाईवे और सड़कों पर हर साल सैकड़ों हत्याएं होती है। हजारों करोड़ का माल लूटा जाता है।
हाईवे पर सक्रिय माफिया की इन खूनी और दरिंदगी से भरी हरकतों पर कभी हंगामा नहीं होता। कारण बहुत डरावना है।
हाईवे अपराधों में दरअसल किसी अमीर की हत्या नहीं होती, न उससे हफ्तावसूली होती है। ये तो ट्रक ड्राइवर और क्लीनर हैं, जिन्हें हाईवे माफिया मार गिराते हैं।

पेट्रोल, डीजल, घासलेट, नेप्था चोरी, तस्करी से मिलावट तक, दवा-रसायनों-डाई की चोरी से मिलावट तक, लोहे के सरियों से कॉपर ड्रमों की चोरी तक, मोबाइल फोन, सिगरेट, तंबाकू, कपड़ों, प्लास्टिक दानों से भरे ट्रकों – कंटेनरों की लूटपाट तक, न जाने क्या-क्या हरकत नहीं करता सड़कों पर सक्रिय हाईवे माफिया।

खोजी पत्रकार विवेक अग्रवाल और साथी राकेश दानी ने इस किताब में इसकी परत दर परत हर पोल खोली है।

Price ₹395.00

Red Beret

प्रियदर्शिनी देश की प्रधानमंत्री, जिनके लिए भारत की संप्रभुता सबसे ऊपर है। अमरीका ने खतरनाक सीआईए एजंट रॉबर्ट को प्रियदर्शिनी वध का जिम्मा सौंप रखा है। रॉबर्ट हमले की योजनाएं बनाता है, हर हमले का उसे रेड बैरेट से मुंहतोड़ जवाब मिलता है। 

सेना के विभाग टेक्टिकल एक्शन ग्रुप (टेग) के बैनर तले काम करने वाले अज्ञात ग्रुप का कोड नेम रेड बैरेट है।

रेड बैरेट के पास सिर्फ एक काम है - हर हाल में प्रधानमंत्री की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाना, दुश्मनों के एक्टिव होते ही दबोच कर सूचनाएं हासिल करना और मार गिराना।

रेड बैरेट के लिए सीमाओं का बंधन नहीं है। इन्हें सारी दुनिया में काम करने के लिए मुक्त रखा गया। 

रेड बैरेट उपन्यास पूरे घटनाक्रम का रोमांचक और लोमहर्षक वर्णन पेश करता है। भारतीय सैन्य खुफिया इकाई की जाबांजी के तमाम किस्सों में से कुछ रेड बैरेट में पेश करता है।

Price ₹299.00

Limbu Mirchi

लिंबू मिरची किताब विवेक अग्रवाल की लेखकीय दृष्टि का अलग पहलू पेश कर रही है।

उनका पहला लघुकथा संग्रह लिंबू मिरची है। यह किताब न जाने कितने विषयों और किरदारों के साथ हाजिरी लगाती है। विवेक अग्रवाल ने इन लघु कथाओं में न केवल विषयों का विस्तार तथा विविधता बनाए रखे हैं बल्कि किरदारों का अनूठा संसार भी गढ़ा है। वे कहानियां लिखते हुए सामाजिक बुराईयों पर गहरा प्रहार करते हैं। कुछ ऐसे बिंदु भी उठा लाए हैं, जो समाज को नई दशा और दिशा देते हैं।

इन कहानियों में समय साथ-साथ चलता है। समाज से उठाए विषय पर लघु कथाएं लिंबू मिरची में हैं। ये छोटी कहानियां मन में टीस भरती हैं। आंखों के कोर गिले करती हैं। कसमसाती हैं। दुखी करती हैं। कभी गुदगुदाती, हंसाती भी हैं। हर कहानी का अपना व्यक्तित्व है क्योंकि हर लघुकथा अलग विषय, स्थान, वक्त, भाव, पात्र धारण करती है। 

Price ₹199.00

Chakarghhini

एक आपराधिक घटना से चकरघिन्नी की कहानी बनी है। यह कहानी मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़ी है।

मुंबई के गिरोह ने कारोबारियों और उद्योगपतियों को धमकाना शुरू किया कि तुमने सरकारी टैक्स भर दिया, चलो हमारा टैक्स भरो। दाऊद गिरोह ने काला धन घोषित करने वाले तमाम लोगों से 10 फीसदी रकम की वसूली की। 

फिल्म का कथानक व पटकथा का साहित्य रूप में आकार लेना अब नई बात नहीं रही क्योंकि विवेक अग्रवाल लिखित फिल्म 'अदृश्य' पहले प्रदर्शित हुई, उसके बाद बशक्ल उपन्यास आ गई। ऐसा ही चकरघिन्नी के साथ हो रहा है। यह पटकथा रूप में पहले लिख ली, अब उपन्यास में तब्दील हुई है।

यह साहित्य नहीं, महज मनोरंजन का मसाला है। इसमें जो साहित्यिक समाधान चाहते हैं, उन्हें निराशा होगी। इसमें जिन्हें तथ्य व लॉजिक चाहिएं, उन्हें भी कुछ खास नहीं लगेगा। इसके बावजूद यह पठनीय जनप्रिय लेखन है।

Price ₹199.00

Dashgreev

दुनिया में ऐसे-ऐसे खतरनाक साईको सेक्स किलर हुए हैं, जिनके कारनामे पढ़ कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

ऐसा ही एक नराधम कालांतर में हुआ, जिसने तीन देशों के बीच चलने वाली तीन ट्रेन कुछ ही अर्से में पाईप बम लगा कर उड़ाईं। इसमें 300 से अधिक लोग मारे गए, सैंकड़ों घायल हुए, करोड़ों का नुकसान हुआ।

अदालत में चले मुकदमे से तथ्य बाहर आया कि वह मनोरोगी था। यात्रियों की मौत का क्रंदन सुन उसकी वासना भड़कती थी। उनका बहता रक्त देख चरम सुख पर स्खलित होता था। 

कोई मानने के लिए तैयार न था कि ये खूबसूरत और पारिवारिक व्यक्ति भी ऐसी वहशियाना हरकतें कर सकता है। उसकी कहानी भारतीय परिवेश में तब्दील करके पेश की है। असली विदेशी हत्यारे की जिंदगी को अभिमान के भयावह रूप के साथ आधुनिक युग में लाए हैं, जिससे कहानी से पाठकों का जुड़ाव बेहतर हो सके।

Price ₹199.00

Insider

माफिया सिरीज की छठी किताब, जिसमें अंडरवर्ल्ड और फिल्म जगत के आंतरिक रहस्यों का पर्दाफाश है।

मुंबई फिल्मोद्योग की एक सेक्सी अभिनेत्री मुंबई अंडरवर्ल्ड के बेताज बादशाह दानिश की अंकशायिनी कैसे और क्यों बनी? इस अदाकारा का ही जीजा अदीब कैसे और क्यों बन गया डॉन दानिश के लिए फिल्म जगत की अंदरूनी सूचनाएं देने वाला इनसाईडर? फिल्मी दुनिया और अंडरवर्ल्ड के बीच ऐसा चोली-दामन का गठबंधन है कि छूटे नहीं छूटता।

पुलिस वाले भी फिल्मी दुनिया का दोहन अंडवर्ल्ड के रिश्तों और उससे बचाने के नाम पर करते हैं।

ये तमाम नग्न सत्य का प्रकटन करता विवेक अग्रवाल का सच्चे किरदारों को केंद्र में रख कर लिया उपन्यास आपको हर पल चौंकाएगा।

Price ₹299.00

Financer

रजत कपूर अंडरवर्ल्ड का फाइनेंसर है। रजत डॉन दानिश को फाईनेंस करता है लेकिन अपने साधनों-संसाधनों का दोहन उतना ही करने देता है, जिससे किसी अवैध गतिविधि में सीधे उसका नाम न जुड़े।

रजत कपूर देश का सबसे बड़ा हीरा उद्योगपति है। विश्व के ब्लड डायमंड के सबसे बड़े खिलाड़ियों में शूमार है। सोने-चांदी की तस्करी में भी उसका हाथ है। अपनी चमकती-दमकती दुनिया बनाए व बचाए रखने के लिए उसने मायाजाल और इंद्रजाल बना रखा है।

वह माफिया की मदद से कारोबार करता है, भ्रष्ट अफसरों-नेताओं के जरिए सिस्टम में पैठ बना कर काले को सफेद में तब्दील करता है। दुनिया के हर भ्रष्ट देश में रजत की जड़ें हैं। काम निकालने और लाभ बढ़ाने के लिए ड्रग्स और स्मॉल आर्म्स तस्करी से भी परहेज नहीं रखता। 

कैसे चलता है फाईनेंसरों का खेल और अंडरवर्ल्ड का खूनी संसार, इस किताब में बेपर्दा होकर सामने आता है। 

Price ₹299.00

Freelancer

अंडरवर्ल्ड मर्डर के लिए कार चलाने वाले गेटअवे ड्राईवरों की तेज रफ्तार जिंदगी और हर पल सिर पर नाचती मौत के बीच फंसी रूह को देखा-समझा-जाना जा सकता है। मुंबई का खतरनाक अंडरवर्ल्ड का पेशा के लिए जाना जाता है, जो किसी ने सोचे नहीं होंगे। इनमें ही एक पेशा है गेटअवे ड्राईवरों का। माफिया सिरीज की चौथी किताब में एक गेटअवे ड्राईवर की जिंदगी का वह हिस्सा जानने का मौका मिलता है, जिस तक किसी की पहुंच नहीं।
Freelancer is a story about gateway drivers of Mumbai gangsta. It is about gangwar and gangs, who all the time involved in the bloodshed and out to kill other. The interesting and hidden facts of life of gate away driver is all disclosed by the author. The characters and events of the stories are based on a true event of sins and sinister of the world of criminality.

Price ₹299.00

Professor

वो एक फोर्जर है। मास्टर फोर्जर। देश-विदेश का ऐसा कोई दस्तावेज या पासपोर्ट नहीं, जिसकी नकल अब्बास नहीं कर सकता।

अब्बास के क्लाईंट भी छोटे-मोटे नहीं हैं। देश के नामी-गिरामी अंडरवर्ल्ड डॉन, चीटर, कार्पोरेट लीडर्स, क्रिमिनल्स, दबंग, बाहुबली, भ्रष्ट नेता-अफसर... हर वो शख्श, जिसे कानून की निगाहों से, कानून के लंबे हाथों से, बच कर इंसानों के जंगल में गुम हो जाना है।

अब्बास का काम बखूबी चल रहा है। बिना किसी हंगामे और शोर-शराबे के चल रहे काम में एक दिन ऐसी अड़चन आई कि अब्बास की जिंदगी ही खतरे में पड़ गई। जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में अब्बास को वही सब करना पड़ा, जो उसके क्लाईंट्स करते आए हैं।

अब्बास का किरदार मुंबई अंडरवर्ल्ड में मौजूद रहा है, जिसे हूबहू पेश किया है लेकिन कथानक को रोचक बनाने के लिए कुछ लेखकीय छूट ली हैं।

Price ₹299.00

Cleaner

मुंबई अंडरवर्ल्ड अनगिन रहस्य समेटा कहानियों का समंदर है। बस किसी के अंदर तक गोता लगा कर बाहर निकाल लाने की देर है।

किताब क्लीनर में लाशें ठिकाने लगाने वाले पेशेवरों की पूरी दास्तान है, जो आपको हर हर्फ के साथ चौंकाती है। 

क्लीनर पाठक को तब तक खुद से जोड़े रखती है, जब तक कि वह इसे खत्म न कर ले।

Cleaner, a novel based on underworld, is first of it’s kind in the Hindi literature. All the charterers and events of the stories are based on a true event of sin and sinister of the world of criminality.

Vivek Agrawal picked up story of a professional dead body cleaning agent of Mumbai underworld, who is operating in disguise with his 2 friends. Backdrop of the Indian Mafioso and blending with literary allegory will keep you engaging till you end the novel.

Price ₹299.00

STRIKER

अंडरवर्ल्ड का सबसे खतरनाक शूटर शिवा, जो चाकू-तलवार-गुप्ती-पिस्तौल-बंदूकें चलाने में माहिर है। अंडरवर्ल्ड में उसके पहुंचने और दुस्साहसिक कारनामे अंजाम देने की दिल दहलाने वाली दास्तान है - स्ट्राईकर।

शिवा की अंडरवर्ड डॉन, पुलिस, पॉलीटिशियन, उद्योगपतियों के बीच कैरम के स्ट्राइकर जैसी जिंदगी हो चली। वह सबके हाथों खेलता है। अपनी जिंदगी जीने के लिए वह दूसरों की जिंदगी छीनता है।

शिवा के जीवन में एक रानी है। वो प्रिया से मुहब्बत करता है, जिसके साथ सुख के दो पल बिताना ही उसका ख्वाब है। प्रिया हर बार उसके प्रणय निवेदन पर कतरा कर निकल जाती है। शिवा न तो अपनी इस रानी को हासिल कर पा रहा है, ना ही कैरम बोर्ड पर पॉकेट में लाल रानी डालने की कोशिश कामयाब होती है।

क्या शिवा कभी कामयाब नहीं होगा?

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Raktgandh

समाज में कहानियां कहां नहीं बिखरी हैं। अंडरवर्ल्ड भी इनसे अछूता नहीं है। अपराध जगत में कहानियों का कोई टोटा नहीं, देखने की नजर भर चाहिए। इन पर साहित्यिक दृष्टिकोण से कभी काम नहीं हुआ। विवेक अग्रवाल ने यह काम आरंभ किया है। माफिया जगत के अंदर पैठ कर खोजी ये कहानियां हतप्रभ करती हैं। उनमें मानवीय रूप भी नजर आते हैं, तो समाज के सत्य व कसैले स्वरूप के दर्शन भी होते हैं।

A literary story collection based on underworld is first of its kind in the Hindi literature. All the charterers and events of the stories are based on a true event of sin and sinister of the world of criminality. Vivek Agrawal picked up some characters and stories from the Indian Mafioso and blended them with literary allegory

Regular price ₹399.00 Price ₹350.00

CODES

दिल्ली की एक सत्य घटना पर आधारित उपन्यास, जो स्पेशल सेल और आतंकवादियों के बीच चूहे-बिल्ली के खेल का रोमांचक नजारा पेश करता है।

आतंकवादियों के दिल्ली दहलाने की योजना एक कोड शीट में छुपी थी, जिसे डिकोड किया स्पेशल के जांबाज डीसीपी प्रताप सिंह और उनकी टीम ने। दिमाग चकरा देने वाला उपन्यास जांच टीम को दिल्ली से बैंकॉक तक दौड़ाता है।

हर पल नए रहस्योद्घाटन उपन्यास को नवीनता देते हैं।

A novel based on a true event of Delhi police and act of terrorism. A mindboggling plot of a terror act, how Special Cell of Delhi Police solves it.

At the end of the drama, the revelation shocks all the investigative team. Cracking the conspiracy and decoded the code sheet will give a great read to the readers.

Price ₹299.00

CODES DECODED

दिल्ली की एक सत्य घटना पर आधारित उपन्यास, जो स्पेशल सेल और आतंकवादियों के बीच चूहे-बिल्ली के खेल का रोमांचक नजारा पेश करता है।

आतंकवादियों के दिल्ली दहलाने की योजना एक कोड शीट में छुपी थी, जिसे डिकोड किया स्पेशल के जांबाज डीसीपी प्रताप सिंह और उनकी टीम ने।

दिमाग चकरा देने वाला उपन्यास जांच टीम को दिल्ली से बैंकॉक तक दौड़ाता है। हर पल नए रहस्योद्घाटन उपन्यास को नवीनता देते हैं।

A novel based on a true event of Delhi police and act of terrorism. A mindboggling plot of a terror act, how Special Cell of Delhi Police solves it.

At the end of the drama, the revelation shocks all the investigative team. Cracking the conspiracy and decoded the code sheet will give a great read to the readers.

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