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Afgani Pant

SKU : AWBW50

Step into a realm of fashion enchantment with our Afghan-inspired pants. Effortlessly chic and comfortable loose fitted with elasticated back and front belt with drawstring and a side pocket, these pants feature a mesmerizing narrow gathered hem. Discover the charm of convenience with an ingeniously placed openable button on the hem. These pants are made in premium soft cotton fabric that allows your skin to feel a gentle & soothing touch always.

A wide spectrum of 8 enchanting colors are available to enhance your wardrobe. Redefine style & Make every moment fashionable now.

Our generous sizing ensures unrestricted & unparalleled comfort, allowing you to move with ease & grace.

You can check our entire kurta collections to find the best matches.

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Regular price ₹1,199.00 Price ₹750.00

Agle Janam Bedni Na Kijo

भारतीय समाज की बेड़िया जनजाति में फैली एक भयावह परंपरा, कुरीतियों, अपराधों पर आधारित किताब है – ‘अगले जनम बेड़नी ना कीजो।‘ यह किताब देश के बेड़िया समाज की सदियों पुरानी उस परंपरा पर नजर डालती है, जिसके तहत परिवार के मर्द ही अपनी बेटियों-बहनों से वेश्यावृत्ति करवाते हैं। समाज की बनाई परंपराओं के पिंजरों में कैद ये लड़कियां उन बुलबुलों की तरह हैं, जो नाच-गा तो सकती हैं, लेकिन रो नहीं सकतीं। इन बेड़नियों की दर्द भरी जिंदगी और हालात पर शोध आधारित पुस्तक है - अगले जनम बेड़नी ना कीजो। बेड़िया समाज की लड़कियां इस कलंकित पेशे से बाहर निकलने के लिए छटपटा रही हैं, उसी पर लेखक ने पूरा ध्यान केंद्रित किया है। बेड़िया समाज में आ रहे परिवर्तनों को भी रेखांकित करने की कोशिश इस किताब में है।

Regular price ₹399.00 Price ₹300.00

Kamathipura

कमाठीपुरा किताब की तमाम कहानियां लेखक ने अपनी पत्रकारिता के दिनों में देखीं, भोगीं और जी हैं। कमाठीपुरा से लेखक ने पत्रिकारिता के दिनों में मुंबई अंडरवर्ल्ड, पुलिस तथा खुफिया विभागों की खूब खबरें हासिल कीं। इसी दौरान लेखक ने यहां मानव तस्करी से बचाव के कई सफल अभियानों में हिस्सा भी लिया।

इस किताब की कहानियां हजारों वेश्याओं और तवायफों के बीच से निकली हैं। समाज की आखिरी पांत में खड़ी इन औरतों-लड़कियों के मैले-कुचैले, बदबूदार, हवा-रोशनी से महरूम कमरों और गलियारों के बीच चंद पल जीते हुए, उनके दुख की गलियों से गुजरते हुए, न जाने कितने किस्से लेखक के दिलो-दिमाग पर छपते रहे। अब किताब के जरिए ये कहानियां साझा की हैं।

Regular price ₹399.00 Price ₹300.00

Mastan - Mumbai Ka Midas

मुंबई अपराध जगत का ऐसा नाम, जिसके किरदार पर दर्जनों फिल्में बन गईं, न जाने कितने अखबारों और पत्रिकाओं के पन्ने रंगे गए, न जाने कितने घंटे खबरिया चैनलों पर खबरें और फीचर बन गए, दशकों तक लोगों की निगाहों का मरकज रहा, उसके नाम के चर्चे सड़क से संसद तक होते रहे... वह गजब का किरदार था। यह देश का सबसे बड़ा सोना तस्कर था - हाजी मस्तान मिर्जा।

हाजी मस्तान सीधा-साधा किरदार नहीं है। उसमें कई रंग है, उसके कई चेहरे हैं, इन चेहरों पर कई-कई नकाब हैं, उसकी कई जिंदगियां है; एक सीधी लकीर की मानिंद मस्तान का किरदार खींचना संभव नहीं। किसी के लिए वह अपराधी है, किसी के लिए फरिश्ता, किसी के लिए दोस्त है, किसी के लिए दुश्मन, किसी के लिए बेहतरीन खबर, किसी के लिए मददगार, किसी का रहनुमा, किसी का पथप्रदर्शक, किसी के लिए जलन का बायस, तो किसी के लिए फर्श से अर्श तक पहुंचने का करिश्माई व्यक्तित्व और सफलता की कहानी है।

Regular price ₹599.00 Price ₹400.00

Pinjra Naach

आर्केस्ट्रा डांसर की दुनिया भी निराली है। एक तरफ जहां बेड़िया समुदाय की लड़कियां पारंपरिक रूप से इन ऑर्केस्ट्रा में नाचती मिलती हैं, तो गर्ल चाइल्ड ट्रैफकिंग की शिकार लड़कियां भी आर्केस्ट्रा डांसर बनती है, वहीं कुछ लड़कियां बाखुशी इस पेशे में आती है। जरूरी नहीं कि वे सब वेश्यावृत्ति करें। उत्तेजित भीड़ को अपने करीब तक नहीं फटकने देती। 

बिहार राज्य में ही 2,000 से अधिक आर्केस्ट्रा पार्टी फुल टाइम लड़कियों के नाच-गाने पर ही चलती हैं। कोई गरीबी की वजह से, कोई आपातकालीन जरूरतों के कारण, कोई शौकिया तौर पर, कोई सिर्फ कमाई करने के लिए, तो कोई फिल्मों में एक रोल मिलने की चाहत में आर्केस्ट्रा पार्टियों के संचालकों की गुलाम बन मंचों पर नाचती हैं। एक तरफ आर्केस्ट्रा लोगों को रोजगार देते हैं, मनोरंजन करते हैं, तो दूसरी तरफ लड़कियों के लिए सुनहले पिंजरों में तब्दील हो जाते हैं।

Regular price ₹499.00 Price ₹300.00
Raktap
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Raktap

मनोविकार या मनोरोग की दुनिया किसी इंद्रजाल से कम नहीं। यह सम्मोहक, डरावनी, रहस्यमई, दहशनाक, विकट, करिश्माई, तिलिस्मी, गूढ़, हैरतअंगेज, जादुई, भेदक, विपुल संभावनाओं से भरी है।

स्कीजोफ्रेनिया ऐसा मनोरोग है, जिसके मरीज खुली आंखों से ख्वाब देखते हैं।  मीरा रोड और रायपुर के दो मामले हमारे सामने हैं, मीरा रोड में एक बेटे ने मां की हत्या कर दी, रायपुर में एक युवक ने मां, पिता और प्रेमिका की हत्याएं कीं।

रक्तप का मुख्य पात्र पवन प्रभाकर एक मासूम कातिल है। पवन का वर्तमान और भूतकाल, तो किताब में हैं लेकिन भविष्य क्या होगा, यह काल के गाल में समाया है।

पवन एक मनोरोगी है, जो लोगों की हत्याएं करता दिखता है लेकिन दोस्त, रिश्तेदार, परिचित, सहयोगी, सहकर्मी, ग्राहक, सब उससे खुश हैं। इसके बावजूद कोई उसे हत्यारा या अपराधी क्यों नहीं मानता!? इसी सवाल का जवाब रक्तप में है।.

Regular price ₹399.00 Price ₹300.00

Raktbambal - Raktranjit...

सारा संसार रक्तपिपासु अपराधियों से भरा लगता है। यही हाल कमोबेश सर-जमीने हिंदुस्तां की है। मैं जिस तरफ निगाह उठाता हूं, खून की होली खेलते अपराधी नजर आते हैं। कोई पेशेवर है, तो कोई रिश्तेदारों से हलाकान होकर हत्याएं कर रहा है। चारों तरफ, हर दरीचे, हर दरवाजे, हर गली-नुक्कड़-चौराहे पर रक्त बहता दिख रहा है।

ये रक्तरंजित कहानियां समाज की उस कठोर सच्चाई से रूबरू कराती हैं, जिसे अखबारों में पढ़ कर हम भूल जाते हैं। इन कहानियों के रक्तपिपासु अपराधियों के मनोविज्ञान और रक्तकर्म के कारण भी सामने आते हैं। ये कहानियां अपराध जगत की कथाएं नहीं बल्कि समाज की पोशिदा सच्चाई उजागर करती हैं। यह आकलन करने का मौका देती हैं कि अपराध रोकने में हम क्यों असफल हैं। ये कहानियां सत्य का प्रतिपादन करती हैं, ना कि अपराध और अपराधियों का महिमामंडन। रक्तबंबाल की कहानियों में समाज के हर हिस्से की आपराधिक कहानियां हैं।

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Raktgandh

समाज में कहानियां कहां नहीं बिखरी हैं। अंडरवर्ल्ड भी इनसे अछूता नहीं है। अपराध जगत में कहानियों का कोई टोटा नहीं, देखने की नजर भर चाहिए। इन पर साहित्यिक दृष्टिकोण से कभी काम नहीं हुआ। विवेक अग्रवाल ने यह काम आरंभ किया है। माफिया जगत के अंदर पैठ कर खोजी ये कहानियां हतप्रभ करती हैं। उनमें मानवीय रूप भी नजर आते हैं, तो समाज के सत्य व कसैले स्वरूप के दर्शन भी होते हैं।

A literary story collection based on underworld is first of its kind in the Hindi literature. All the charterers and events of the stories are based on a true event of sin and sinister of the world of criminality. Vivek Agrawal picked up some characters and stories from the Indian Mafioso and blended them with literary allegory

Regular price ₹399.00 Price ₹350.00
Rogue Revenger
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Rogue Revenger

A desperate clanging of cowbells in the ship-breaking yard of Gadani, Pakistan, could mean only one thing. Abdul Jabbaar, the tyrant, was hunting a man. When Xobeen returns from Karachi having topped the civil services exam, the brutality of his brother Feroz’s fate ruptures any sense of right and wrong. Consumed by vengeance and intent on dispensing his own brutal justice, he sees only one choice—the end of Abdul Jabbaar.

Armed with two fierce allies, Altaf and Tanvir, and the love of his life, Aisha, one common man’s voyage for justice sparks a deadly coup that spans continents and lands him at the heart of a rotten political system.

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Regular price ₹299.00 Price ₹100.00